सेक्स भी क्या चीज़ है, जब इसके बारे में पता लगता है तो बड़ी जिज्ञासा होती है इसे जानने की, और जब इसे जान जाते हैं और पा लेते हैं , तो लगता है की मंजिल को पा लिया है . मैंने भी जब इसे जानने की सुरुआत की तो बड़ा अच्छा लगा . सुरुआती दिनों मे किसी हिरोइन या मॉडल की तस्वीर को देखकर ही ,जिसमे उसके केवल उभार नज़र आते थे , मेरा लंड खड़ा हो जाता था .मेरा जब भी मुठ ( हस्थामैथुन ) मारने का मन करता था , मैं किसी मैगजीन या अखबार के रविवासरीय पेपर में छापी मॉडल की तस्वीरों को देखकर ही मुठ मार लेता था .धीरे -धीरे ये जानने की इच्छा हुयी की आखिर इन कपड़ों के पीछे छुपे हुए ये अंग कैसे लगते हैं . इसलिए पॉकेट मनी के रूप में मिले हुए पैसों से मैं adult मैगजीन खरीद कर लाने लगा . जब मैंने सबसे पहले मैगजीन खरीदने का मन बनाया था तो उस समय सोचकर ही इतना अच्छा लग रहा था की कब मैं मैगजीन लाऊंगा और उसमे से मॉडल की नंगी तस्वीरों को देखकर हस्तमैथुन करूँगा . मैंने साईकिल उठाई और पैसे लेकर मैगजीन स्टाल पर पहुंचा . कपकपाते हुए मैंने स्टाल वाले से मैगजीन खरीदी और मैगजीन लेकर ऊपर की मंजिल के कमरे में पहुंचा . मैगजीन के ऊपर चड़ी पोलीथिन को फाड़कर जैसे ही मैंने पहला पन्ना खोला , उसमे छापी मॉडल की नंगी तस्वीर को देखकर मेरा लंड तो एकदम काले नाग की तरह फुफकारने लगा
मैंने पहली बार किसी लड़की की नंगी चुचियों को देखा था . मेरा लंड लार टपकाने लगा . मुझ पर रहा नहीं जा रहा था . मैं एक के बाद एक सभी लड़कियों की नंगी तस्वीरों को देख -देखकर मुठ ( हस्तमैथुन ) मारने लगा . थोड़ी ही देर में झटके के साथ ही मेरा वीर्य बाहर आ गया . इसके बाद मन में इच्छा जागी की आखिर लड़का और लड़की कैसे सेक्स करते हैं? ये देखने के लिए मैं एक दिन , जब घर में कोई नहीं था , तो बाज़ार से एक xxx विडियो सीडी खरीद कर लाया और नंगा होकर उस फिल्म को देखने लगा. फिल्म को देख-देखकर मुठ मारने का मज़ा ही कुछ और था . पूरा नंगा . कमरे में कोई नहीं , सामने नंगी फिल्म चल रही हो, ऐसे माहोल में लंड पर तेल लगाकर मुठ मारने का मज़ा चार गुना बढ़ गया था . इस दौर के बाद इच्छा ये हुयी की मैं स्वयं किसी लड़की के साथ सेक्स करूं . इसलिए बंधू सेक्स तक पहुँचने के लिए बहुत सारे चरणों से गुजरना पड़ता
जब कभी भी मुठ मारो तो लंड पर कुछ चिकनाई जरूर लगा लेनी चाहिय्रे . इससे उसमे रगड़ नहीं होती है . मैं जब भी मुठ मारता हूँ तो उस पर तेल , वेसलिन या क्रीम जरुर लगा लेता हूँ . मुझे मुठ मरने का बड़ा क्रेज है . मैं जब भी मुठ मरता हूँ तो कम से कम एक या दो घंटे जरुर लेता हूँ . इससे मुझे बड़ा अच्छा लगता है .मैं पूरा नंगा हो जाता हूँ और शीसा में देखकर मुठ मरता हूँ . सामने एक नंगी लड़की की तस्वीर भी रख लेता हूँ . इसे होता ये है की आपको दिमाग पर ज्यादा जोर देने की जरुरत नहीं होती है, अगर सामने नंगी लड़की हो तोह आपका लंड स्वयं ही खड़ा रहता है बस आपको उसके ऊपर हथेली आगे - पीछे करनी होती है बीच -बीच में उस नंगी लड़की की तस्वीर को चूमता भी रहता हूँ ,जैसे मेरे सामने लड़की है और मैं उसकी चुचियों को चूस रहा हूँ . मैं जिस घर में रहता हूँ उसके बिलकुल पीछे के घर में ही एक लड़की रहती है , मेरे कमरे की खिड़की से उसकी chath मिली हुयी है . मैं बिलकुल नंगा होकर उस खिड़की पर खड़ा हो जाता हूँ जब वो लड़की आती है तो मैं उसे दिखा -दिखाकर मुठ मरता हूँ . उस लड़की को भी बड़ा मज़ा आता है .
इस समय मेरी उम्र करीब २७ साल है . में आप लोगो को अपनी उस समय की सभी बातें बताऊंगा जब मैंने जवानी में कदम रखा था . में उस समय 9th में था . लेकिन उस समय तक में सेक्स के बारे में थोडा भी नहीं जानता था . एक दिन में गर्मी के समय में दोपहर में लेटा हुआ था की मेरे लिंग में खुजली सी हुयी , मैं उसमे खुजली करने लगा लेकिन खुजली इतनी थी की मैं दोनों हाथों से लिंग पर खुजली करने लगा . दोनों हथेलियों के बीच लिंग को रखकर उसे रगड़ने लगा ,तभी अचानक मुझे झटका सा लगा . मुझे लगा जैसे लिंग में से कुछ निकला है , मुझे बहुत अच्छा लगा . और ये खुजली का सिलसला चल पड़ा . ये मेरे मुठ मरने की पहली सुरुआत थी
मैंने उसका टॉप उतार दिया। दोनों क़बूतर आज़ाद हो गए। वो आँखें बन्द करके लेटी थी। होंठ काँप रहे थे। मैंने अभी तक उसकी चूत को हाथ भी नहीं लगाया था। आप तो जानते हैं मैं प्रेम गुरु हूँ और जल्दीबाज़ी में विश्वास नहीं रखता हूँ। मैं तो उसके मुँह से कहलवाना चाहता था कि 'मुझे चोदो'। अब मैंने उसके होठों पर उसके होंठ रख दिए। उसके नरम नाज़ुक रसीले होठ नहीं जैसे शहद से भरी फूलों की पँखुड़ियाँ हों। मैंने उसे गालों पर, पलकों पर, माथे पर, गले पर, कान पर, दोनों उरोजों पर, और नाभी पर चुम्बनों की झड़ी लगा दी। वो आआहहह... उहहहह... करती जा रही थी। अपने पैर पटक रही थी। उसकी सीत्कार तेज़ होती जा रही थी। वो बोली "ये मुझे क्या होता जा रहा है..." वो रोमांच से काँप रही थी। मैं जानता था अब वह झड़ने वाली है। अरे वो तो बिल्कुल कच्ची कली ही निकली। उसका शरीर अकड़ा और उसने मेरे होंठ ही काट लिए। उसके नाखून मेरी पीठ पर चुभ रहे थे। उसने एक हल्की सी सिसकारी मारी। लगता है उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया। फिर वह ठंडी पड़ गई।

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